Sep 19, 2009

राजीव गांधी शिक्षा मिशन में संकुल समन्वयकों की नियुक्ति हाईकोर्ट के आदेश अनुसार


छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव ने एक सरकुलर जारी कर कहा था कि राजीव गांधी शिक्षा मिशन में संकुल समन्वयकों के पदों पर उच्च श्रेणी शिक्षक व शिक्षाकर्मी वर्ग-2 को ही लिया जाएगा। इस सरकुलर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में कई संकुल समन्वयकों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि अवर सचिव को विभाग के संबंध में सरकुलर या दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है। इसकी वजह है कि मिशन केंद्र द्वारा संचालित है। उसके निर्देश पर ही यह अलग विभाग बनाया गया है जिसमें सोसायटी एक्ट के तहत कामकाज होता है। मुख्यमंत्री इसके सभापति होते हैं। आदिम जाति कल्याण, शिक्षा विभाग, महिला व बाल विकास विभाग के मंत्री इसके उप सभापति होते हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव व उक्त तीनों विभागों के सचिव सदस्य और शिक्षा सचिव मिशन संचालक होते हैं। इस विभाग का अलग सेटअप होता है। मिशन के सभापति, सदस्य और संचालक बैठक कर ही इस विभाग के संबंध में कोई फैसला ले सकते हैं।

अवर सचिव का उक्‍त सरकुलर या आदेश संविधान के अनुच्छेद 166 का भी उल्लंघन करता है। इसके अनुसार इस तरह के सरकुलर पर राज्यपाल की सहमति जरूरी है। जिसमें स्पष्ट तौर पर राज्यपाल के आदेशानुसार लिखा जाता है। याचिकाओं में यह भी कहा गया कि पहले से कार्यरत संकुल समन्वयकों को भी नए सिरे से परीक्षा देने को कहा जा रहा है, यह भी गलत है क्योंकि वे वर्षो से यह काम कर रहे हैं और नए लोगों को इसकी ट्रेनिंग भी देते हैं। इस याचिका पर कोर्ट के द्वारा भेजे गए नोटिस पर राज्य शासन ने कहा था कि यह नीतिगत निर्णय है। शासन नियम बना सकता है। इस पर सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी।

ईश्वर प्रसाद तिवारी व एक अन्य कोआर्डिनेटर ने इसे खिलाफ डिविजन बेंच में अपील की थी। युगलपीठ ने याचिका स्वीकार कर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए नियुक्ति पर कोर्ट का आदेश लागू करने का फैसला दिया। राजीव गांधी शिक्षा मिशन में संकुल समन्वयकों (कोआर्डिनेटर) की नियुक्ति पर हाईकोर्ट का निर्णय लागू होगा। चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता, जस्टिस एसके सिन्हा की डिविजन बेंच ने शिक्षकों की रिट अपील पर यह फैसला दिया।

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