Sep 18, 2009

छत्‍तीसगढ में जरूरतमंदों की मदद के लिए तीसरे न्याय सदन का लोकार्पण

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बिलासपुर शहर में स्थापित न्याय सदन का लोकार्पण बुधवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस धीरेन्द्र मिश्रा ने किया। इस अवसर पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि न्याय सदन की स्थापना से जरूरतमंदों को न्याय पाने में मदद मिलेगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय, बिलासपुर में न्याय सदन का लोकार्पण करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि न्याय सदन की उपयोगिता को समझने के लिये जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों को समझना होगा। विधिक सेवा प्राधिकरण के गठन का उद्देश्य यह है कि राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक किसी भी तरीके से न्याय प्राप्ति से वंचित न रहे। ऐसे प्रयास किए जाएं जिससे जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क न्याय मिल सके।

न्याय सदन की उपयोगिता तभी है जब वह इन लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोगी हो। जस्टिस मिश्रा ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ राज्य का तीसरा न्याय सदन है। प्रथम न्याय सदन दंतेवाड़ा और दूसरा राजनांदगांव जिले में स्थापित किया जा चुका है। राज्य के अन्य जिलों में भी न्याय सदन निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि कोई भी भवन कितना भी सुसज्जित हो जाए उससे तब तक लाभ नहीं मिलता, जब तक वह अपने उद्देश्यों को प्राप्त न करे। उन्होंने न्याय सदन की तुलना एक मंदिर से की। जिस तरह भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा के बिना मंदिर का कोई महत्व नहीं होता, उसी तरह न्याय के मंदिर में न्याय नहीं मिले तो उसका कोई अर्थ नहीं है।

जस्टिस मिश्रा ने विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विधिक निरक्षता को दूर करने के लिए विधिक जागरूकता अभियान चलाने व आम आदमी के हितों के लिये बनाए गए विधिक नियमों की जानकारी देने, पक्षकारों में समझौते कराने के लिए जागरूकता पैदा करने का कार्य किया जाता है। कई कार्य प्राधिकरण के जिम्मे हैं, जिनमें विधिक साक्षरता अभियान बड़े पैमाने पर संपूर्ण राज्य में जारी है। जज, वकील स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से गांवों में विधिक जागरूकता लाने का काम कर रहे हैं!

कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता झा ने कहा कि न्याय सदन अशिक्षा और शोषण के खिलाफ अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएगा। स्वागत भाषण देते हुए प्राधिकरण के सदस्य सचिव गौतम चौरड़िया ने न्याय सदन के उद्देश्य की प्राप्ति के लिये सभी के सहयोग की अपेक्षा की। कार्यRम में हाईकोर्ट के जज जस्टिस सतीश के. अग्निहोत्री, टी.पी. शर्मा, नवलकिशोर अग्रवाल,आर.एल. चन्द्राकर, आर.एल. झंवर, प्रीतिंकर दिवाकर, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द श्रीवास्तव, न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण केन्द्र के डायरेक्टर जी. मिन्हाजुद्दीन, कुटुम्ब न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती अनुराधा खरे, असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल फौजिया मिर्जा, एडिशनल कलेक्टर धनंजय देवांगन व टीके वर्मा उपस्थित थे।

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