Sep 17, 2009

एनटीपीसी व रिलायंस विवाद में हमें भी पक्ष बनयें : अनिल अंबानी समूह

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिस्ट्रीज (आरआईएल) पर अपने और सरकारी कंपनी एनटीनपीसी के साथ गैस आपूर्ति गैस आपूर्ति अनुबंधं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अनिल अंबानी समूह की कंपनी आरएनआरएल ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि मुकेश की कंपनी के साथ उसके मुकदमे में सरकारी बिजली कंपनी (एनटीपीसी) को भी एक पक्ष बनाया जाए। अनिल अंबानी समूह ने सरकारी विद्युत कंपनी, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच कृष्णा-गोदावरी बेसिन से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को लेकर पैदा हुए विवाद में एक पक्ष बनने के लिए सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। एनटीपीसी ने यह याचिका बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए की है, जिसने मुकेश अंबानी समूह की कंपनी को वहां अपनी याचिका में संशोधन की मंजूरी दी थी।
एनटीपीसी के मामले का ब्‍यौरा देते हुए आरएनआरएल ने कहा, ‘आरआईएल ने आरएनआरएल और एनटीपीसी के साथ हुए गैस आपूर्ति समझौते में अपनी शर्तें जोडड़ने के लिए एक ही तरह की प्रक्रिया अपनाई है ताकि वह उन्हें गैस अपूर्ति करने के की जिम्मेदारी से मुक्त हो सके। यह पूर्ण रूप से व्यावसायिक लालच का नतीजा है क्योंकि गैस की कीमतो में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। समूह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 17 वर्षो के लिए 2.34 डॉलर प्रति यूनिट की दर से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ अनिल अंबानी समूह की रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज और एनटीपीसी का विवाद एक समान है।
आरएनआरएल और एनटीपीसी दोनों आरआईएल के केजीडी 6 से 2.34 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से गैस की मांग कर रही हैं, जबकि आरआईएल अब ह दलील दे रहा है कि वह किसी को सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर ही गैस देने को बाध्‍य् है। आरएनआरएल ने यह आवेदन सर्वोच्‍य न्यायालय में 20 अक्तूबर को शुरू होने वाली इस मामले की अंतिम सुनावाई से पहले किया है। याचिका में कहा गया है, "ऐसा महसूस किया गया है कि एनटीपीसी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज किए गए मामले में जिन मुद्दों को उठाया गया है वे मुद्दे सीधे तौर पर रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज बनाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के मामले को प्रभावित करते हैं।" याचिका में यह भी कहा गया है, "ऐसे में यह आवश्यक है कि रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज को इस मामले में एक पक्ष बनने की अनुमति प्रदान की जाए।"

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