वकीलों की मदद का प्रस्ताव 5 माह से ठंडे बस्ते में

किसी वकील के आकस्मिक निधन पर इसमें से निर्धारित रकम उसके परिजनों को तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। इससे तत्कालिक तौर पर अंतिम संस्कार व अन्य कार्यो के लिए परिजनों को राशि का इंतजाम करने के लिए दौड़-धूप नहीं करनी पड़ेगी। इस प्रस्ताव पर अब तक वकीलों में सहमति नहीं बन पाई। जिससे यह ठंडे बस्ते में है।
जजों के सम्मान व विदाई पर मतभेद
जजों के सम्मान और विदाई समारोह को लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों में मतभेद दिख रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित कुछ सदस्य ऐसे आयोजनों के खिलाफ हैं, जबकि कुछ सदस्य आयोजन कराना चाहते हैं। बार एसोसिएशन में जजों की नियुक्ति या रिटायरमेंट के बाद होने वाले आयोजन को लेकर मतभेद है। अध्यक्ष वीजी तामस्कर का मानना है कि इसमें खर्च होने वाली राशि का उपयोग वकीलों के हित में किया जाना चाहिए। इस बीच एसोसिएशन द्वारा 15 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था.
इस कार्यक्रम में हाल ही में नियुक्त चार जजों जस्टिस आरएन चंद्राकर, एनके अग्रवाल, आरएल झंवर, प्रीतिंकर दिवाकर का सम्मान और रिटायर्ड जज दिलीप रावसाहेब देशमुख को विदाई दी जानी थी।