विदित हो कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग न्यायालय में पिछले वर्ष एक अपराधी नें इसी तरह से न्यायाधीश की ओर अपना जूता उछाल दिया था तब से दुर्ग न्यायालय में अपराधियों को न्यायालय बिना जूते के लाया जाता है।
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय बलौदाबाजार पुलिस ने बताया कि व्यवहार न्यायालय में बुधवार को हत्या के एक प्रकरण में फैसले पर सुनवाई चल रही थी उक्त प्रकरण में भाई की हत्या के आरोपी ग्राम लटुआ निवासी लोकनाथ पिता प्रेमलाल साहू (23 वर्ष) को कटघरे में खड़ा किया गया। न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार गायकवाड़ ने जैसे ही उसे उम्रकैद की सजा सुनाई उसने क्रुध होकर न्यायाधीश की ओर जूता फेंका। हालांकि जूता न्यायाधीश को नहीं लगा, बल्कि उसी समय डायस पर किसी कार्य से न्यायाधीश के बगल में खड़े चपरासी के कंधे से लगकर गवाही वाले कटघरे में जा गिरा।
घटना के वक्त अभियुक्त एवं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सहित अन्य वकील एवं न्यायालय के कर्मचारी भी कोर्ट में मौजूद थे। घटना के तत्काल बाद अभिरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने आरोपी को दबोच लिया। न्यायाधीश ने अभियुक्त द्वारा की गई इस हरकत पर कड़ी फटकार लगाते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश पुलिस को दिये। इधर बलौदाबाजार पुलिस ने आरोपी लोकनाथ साहू के खिलाफ धारा 228, 332 एवं 353 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उसे उम्रकैद की सजा के तहत ही जेल भेज दिया गया। घटना की खबर कोर्ट सहित पूरे शहर में फैल गई थी।