Sep 4, 2009

उम्रकैद की सजा सुनते ही मजिस्ट्रेट पर जूता फेंका


विदित हो कि छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग न्‍यायालय में पिछले वर्ष एक अपराधी नें इसी तरह से न्यायाधीश की ओर अपना जूता उछाल दिया था तब से दुर्ग न्‍यायालय में अपराधियों को न्‍यायालय बिना जूते के लाया जाता है।
छत्‍तीसगढ के बलौदाबाजार व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पर एक आरोपी ने भरी अदालत में जूता फेंका। हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। कटघरे में खड़े-खड़े ही कुछ बड़बड़ाते हुए वह आक्रोशित हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में पृथक से अपराध पंजीबद्ध किया हैं।

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय बलौदाबाजार पुलिस ने बताया कि व्यवहार न्यायालय में बुधवार को हत्या के एक प्रकरण में फैसले पर सुनवाई चल रही थी उक्त प्रकरण में भाई की हत्या के आरोपी ग्राम लटुआ निवासी लोकनाथ पिता प्रेमलाल साहू (23 वर्ष) को कटघरे में खड़ा किया गया। न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार गायकवाड़ ने जैसे ही उसे उम्रकैद की सजा सुनाई उसने क्रुध होकर न्‍यायाधीश की ओर जूता फेंका। हालांकि जूता न्‍यायाधीश को नहीं लगा, बल्कि उसी समय डायस पर किसी कार्य से न्‍यायाधीश के बगल में खड़े चपरासी के कंधे से लगकर गवाही वाले कटघरे में जा गिरा। 

घटना के वक्त अभियुक्त एवं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सहित अन्य वकील एवं न्यायालय के कर्मचारी भी कोर्ट में मौजूद थे। घटना के तत्काल बाद अभिरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने आरोपी को दबोच लिया। न्‍यायाधीश ने अभियुक्त द्वारा की गई इस हरकत पर कड़ी फटकार लगाते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश पुलिस को दिये। इधर बलौदाबाजार पुलिस ने आरोपी लोकनाथ साहू के खिलाफ धारा 228, 332 एवं 353 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उसे उम्रकैद की सजा के तहत ही जेल भेज दिया गया। घटना की खबर कोर्ट सहित पूरे शहर में फैल गई थी।

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