Sep 1, 2009

लवलीन भ्रष्टाचार घोटाले में केरल राज्यपाल के निर्णय को चुनौती

लवलीन भ्रष्टाचार घोटाले में माकपा नेता पी विजयन को दंडित करने के केरल राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने आज सीबीआई और अन्य को नोटिस जारी किए। याचिका माकपा नेता पी विजयन ने दाखिल की थी। न्यायमूर्ति आर वी रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी की एक पीठ ने कहा कि वह अन्य बातों के अलावा इस बात का भी परीक्षण करेंगे कि किसी राज्यपाल द्वारा इस तरह का फैसला करने के बाद अदालतों को क्या इस तरह की याचिकाओं पर विचार करने का अधिकार प्राप्त है। माकपा नेता पी विजयन ने इस सवाल के साथ रिट याचिका दाखिल की है कि मंत्रिपरिषद की नामंजूरी के बाद क्या राज्यपाल अपनी मंजूरी दे सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में कहा कि राज्य पी विजयन के रख का समर्थन करता है।

विगत दिनों कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने संवाददाताओं को बताया था कि सरकार ने इस मुद्दे पर अपना निर्णय कर लिया है और इस संबंध में राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा। हालांकि उन्होंने राज्यपाल को भेजे गये संदेश का खुलासा करने से इंकार कर दिया था। अच्युतानंदन ने कहा था कि हमने इस मुद्दे पर निर्णय कर लिया है। लेकिन मैं इसे मीडिया के साथ साझा नहीं करना चाहता। मामले की जांच करने वाली सीबीआई ने विजयन और दो अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल आर एस गवई से अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने पूर्व मंत्री को नौवें अभियुक्त के रूप में आरोपित करना चाहा था। विदित हो कि लवलीन मामला राजनैतिक रूप से काफी संवेदनशील है जिसमें एक कनाडाई फर्म ‘एसएनसी लवलीन’ को ठेका देने के संबंध में भ्रष्टाचार का आरोप है। यह मामला वर्ष 1997 का है जब विजयन राज्य के उर्जा मंत्री थे और उन्होंने तीन पनबिजली उर्जा संयंत्रों के जीर्णोद्धार का ठेका उक्त कनाडाई फर्म को दिया था।

न्यायमूर्ति आर. वी. रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति जस्टिस बी. एस. सुदर्शन रेड्डी ने यह कहते हुए विजयन की याचिका स्वीकार कर ली कि इसमें कानून संबंधी कई महत्वपूर्ण सवाल उभरते हैं। इसमें यह सवाल भी है कि कोई भी राजनीतिक दल या उसका अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार पर कितना प्रभाव डाल सकता है। उल्लेखनीय है कि विजयन पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से इस कनाडियाई कंपनी को तीन ऊर्जा संयंत्रों के उन्नयन के लिए ठेका दिया था। विजयन उस वक्त राज्य के ऊर्जा मंत्री थे। राज्यपाल आर. एस. गवई ने गत जून महीने में सीबीआई कार्यालय के प्रमुख को अपने आवास पर बुलाया था और विजयन मामले से जुड़ी 148 पृष्ठों की रिपोर्ट उन्हें सौंपी थी और मामले की जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी। इसके बाद विजयन के खिलाफ केरल में सीबीआई की एक विशेष अदालत में मामला दर्ज किया गया था। विजयन को 24 सितम्बर को अदालत में उपस्थित होने का कहा गया है।

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