परमाणु करार की राजनीतिक ऊर्जा और संप्रग सरकार की उपलब्धियों के सहारे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तरप्रदेश से अगले लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है। इस क्रम में वे संप्रग की सबसे कमजोर नस आतंकवाद के मुद्दे पर भले बचाव की मुद्रा में दिखीं, मगर उनका असली राजनीतिक हमला भाजपा पर नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र यूपी को हजारों करोड़ रुपये दे रहा है। प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा।
वोट के लिहाज से अहम किसानों को रिझाने की भी कांग्रेस अध्यक्ष ने कोशिश की। उन्हें अधिग्रहण में बेहतर 'डील' दिलवाने का सपना दिखा कानून में संशोधन का भरोसा दिया। मायावती के गृह नगर दादरी के मिहिर भोज कालेज मैदान पर सोनिया गांधी ने जो भाषण दिया उसका राजनीतिक संदेश स्पष्ट था। केंद्र की कामयाबी और माया सरकार की कथित नाकामी यूपी में मुख्य चुनावी मुद्दा होगा। इनके बल पर और सपा का साथ लेकर कांग्रेस यूपी में 'हाथी' की राजनीतिक चाल पर ब्रेक लगाने की कोशिश करेगी।
सोनिया गांधी ने जिस चतुराई से इस रैली के दौरान केंद्र में सत्ता की दूसरी मुख्य दावेदार भाजपा पर हमला करने से परहेज किया, उसके राजनीतिक मायने साफ हैं। कांग्रेस मान रही है कि गठबंधन के इस दौर में अगले चुनाव में भी केंद्र की सत्ता की चाबी उत्तर प्रदेश के हाथों में है। इसीलिए सोनिया ने भाजपा पर प्रहार नहीं किया ताकि यूपी का चुनावी मुकाबला सीधे-सीधे कांग्रेस-सपा बनाम बसपा के बीच होने का संदेश जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं में प्रदेश शासन के स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार की बात उठाई। कांग्रेस की झोली को बेदाग ठहराने के लिए करार के साथ-साथ नरेगा, स्वास्थ्य बीमा योजना, असंगठित क्षेत्र कानून सहित संप्रग की तमाम उपलब्धि्यां गिनाई।
दादरी और ग्रेटर नोएडा के किसानों की उचित मुआवजे के बिना भूमि अधिग्रहण की नीति के विरोध में यह रैली आयोजित की गई थी। सोनिया गांधी ने स्थानीय किसानों से हमदर्दी जताते हुए माया सरकार को निशाना बनाया और कहा कि मुआवजे के बदले किसानों को गोली मारी गई। इस संदर्भ में ही उन्होंने भू-अधिग्रहण कानून में संशोधन का वादा किया, ताकि भूमि के औद्योगिक इस्तेमाल के लिए अधिग्रहण में किसानों की भागीदारी हो और नियम पारदर्शी बनें। इस संदर्भ में हरियाणा के कांग्रेस के माडल को आदर्श साबित करने के लिए सोनिया ने वहां के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दादरी की जनता के सामने पेश किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने परमाणु करार को आम आदमी के जीवन और रोजगार से जोड़कर पेश किया। उससे साफ है कि यह संप्रग के सबसे अहम चुनावी मुद्दों में एक होगा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में करार की मंजूरी के बाद सोनिया गांधी का इस पर यह पहला बयान था। उन्होंने कहा कि करार से बिजली आएगी जिससे खेती बढ़ेगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। आतंकवाद पर जरूर वह बचाव की मुद्रा में दिखीं। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक संकीर्णता से ऊपर उठना होगा।
दैनिक जागरण से साभार
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
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