स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त विधानसभा चुनाव कराने के इरादे से चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि केंद्र या राज्य के किसी मंत्री, सांसद या विधायक को चुनाव एजेंट नहीं बनाया जाना चाहिए। सुरक्षाकर्मियों के साथ चलने वाले प्रमुख नेताओं के कारण पोलिंग स्टेशनों पर पैदा होने वाले तनाव को टालने के इरादे से आयोग ने यह फैसला किया है।
आयोग ने कहा कि वोटिंग से जुड़े कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों और शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए अधिकारियों के अलावा कोई भी व्यक्ति पोलिंग स्टेशन के आस-पास हथियार लेकर नहीं जा सकेगा। चुनाव आयोग ने उन सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को खत लिखकर ये निर्देश दिए हैं जहां चुनाव होने हैं। आयोग ने अपने खत में कहा है कि उम्मीदवारों की ओर से मौजूदा मंत्री, सांसद या विधायक को अपना चुनाव एजेंट नियुक्त करने की प्रवृति काफी आम है। इस तरह के व्यक्तियों को आम तौर पर सुरक्षा कवर मिला होता है।
आयोग ने कहा कि पोलिंग स्टेशनों के आस-पास हथियारों के साथ लोगों की आवाजाही से न सिर्फ चुनाव कर्मचारी और आम जनता आतंकित होंगे, बल्कि ऐसे हथियारों के गलत इस्तेमाल से हिंसा भी फैल सकती है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की अधिसूचना सोमवार को जारी हो रही है और आयोग के ये निर्देश काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने हैं।
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
session
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
3 months ago