पाकिस्तान ने धमकी दी है कि अगर भारत चिनाब नदी से उसके हिस्से का पानी न छोड़कर सिंधु जल समझौते का उल्लघंन करता रहा तो वह मामले को मध्यस्थता न्यायालय या फिर तटस्थ विशेषज्ञों के पास ले जाएगा। उसके अनुसार इसके बाद दोनों देशों को इन विशेषज्ञों के निर्णय को मानना पड़ेगा।
इस बीच, खबर है कि जल बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत के लिए पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त सईद जमात अली शाह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल 8 से 24 अक्टूबर के बीच भारत के दौरे पर आने वाला है। यह प्रतिनिधिमंडल इस दौरान बगलिहार बांध का भी निरीक्षण करेगा।
शाह ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के हिस्से का पानी छोड़ना चाहिए, क्योंकि उसके पास इस बात के दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं कि चिनाब नदी से उसे मिलने वाला पानी चुरा लिया गया है।
एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उसने सिंधु जल समझौते का उल्लघंन किया है। अगर भारत इस बात को कबूल नहीं करता है तो इससे यह संदेश जाएगा कि वह संधि को लेकर गंभीर नहीं है।
गौरतलब है कि पहले भी पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारत पर बगलिहार डैम में चिनाब का पानी जमा करने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने इससे इनकार कर दिया था।
साभार - दैनिक भास्कर
UK: The Supreme Court on the 'creditor duty' - its existence, content and
engagement
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1 year ago