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Aug 21, 2010

बीएसपी अफसरों को एक-एक वर्ष कैद

दुर्घटना में श्रमिक की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया : श्रम न्यायालय ने सुनाई सजा

दुर्घटना से श्रमिक की मौत के मामले में श्रम न्यायालय ने भिलाई इस्पात संयंत्र के तत्कालीन महाप्रबंधक (संकार्य) एसके जैन तथा सीसीडी कोल केमिकल्स के कारखाना प्रबंधक एके परती को एक-एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों पर एक-एक लाख रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है।

प्रकरण के मुताबिक २१ जनवरी ०५ को संयंत्र स्थित कुलिंग टावर के सेल नंबर १ के ऊपरी भाग में स्थित फेन में चिपिंग कार्य के दौरान करीब ३२ फुट ऊपर से श्रमिक जगेश्वर महतो नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। कारखाना निरीक्षक केके द्विवेदी ने जांच के बाद पाया कि अभियुक्तगण की ओर से कार्यस्थल पर फेनस्टिंग अथवा हेंडलस्टिंग आदि सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। इस आधार पर कारखाना अधिनियम १९४८ की धारा ९२ के तहत एसएल मात्रे न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रम न्यायालय के यहां अभियोगपत्र प्रस्तुत किया गया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों आरोपियों को एक-एक वर्ष साधारण कारावास तथा एक-एक लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर तीन-तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। गौरतलब है कि आरोपी एसके जैन सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

आरंभ में पढ़ें : -

ओंकार .... नत्‍था ..... पीपली लाईव .... और एड्स से मौत 
निडर पत्रकार आशा शुक्‍ला को वसुन्‍धरा सम्‍मान

Aug 23, 2009

दो बीएसपी अफसरों पर 1 लाख का जुर्माना

भिलाई स्‍टील प्‍लांट में हुई एक दुर्घटना में मैनेजर के पद पर कार्यरत मैथ्यू जार्ज की मौत के मामले में श्रम न्यायालय में फैसला सुनाया गया। न्यायालय ने इस दुर्घटना के लिए बीएसपी के तत्कालीन ईडी (वर्क्‍स) सूर्यभान सिंह व जीएम एससी खन्ना को दोषी पाया। श्रम न्यायालय के न्यायाधीश शशि सोनी ने दोनों अधिकारियों को एक लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह घटना करीब 6 साल पुरानी है। बीएसपी के फोरहैंडलिंग प्लांट में 10 सितंबर 2003 को कार्य के दौरान मैथ्यू जार्ज दुर्घटना के शिकार हो गए।

प्रकरण के मुताबिक वे 17 मीटर नीचे गिर गए। नीचे लेवल पर कन्वेयर बेल्ट में फंसने से उनकी मौत हो गई। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के तत्कालीन उपसंचालक केके द्विवेदी ने इस घटना की जांच की। जांच में उन्होंने प्रकरण में कारखाना अधिनियम का उल्लंघन पाया। जांच के बाद कारखाना अधिनियम के उल्लंघनों के लिए प्रकरण श्रम न्यायालय में दायर किया। न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। दोनों अधिकारियों की ओर से न्यायालय में सफाई दी गई कि मैथ्यू जार्ज मैनेजर थे। उन्हें सुरक्षा के बारे में जानकारी थी। याचिकाकर्ता उपसंचालक की ओर से न्यायालय को अवगत कराया गया कि सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से अधिकारी या कर्मचारी कोई भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है।

सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमियों के कारण मैथ्यू जार्ज दुर्घटना के शिकार हुए। न्यायालय ने प्रकरण के आरोपी ईडी वर्क्‍स सूर्यभान सिंह व जीएम एससी खन्ना को दुर्घटना में कारखाना अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाया। दोनों अधिकारियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

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