केंद्र शासन की अधिसूचना के विरुद्ध जारी कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल द्वारा जारी शो काज और रिकवरी आदेश को बिलासपुर हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
लघु एवं मध्यम उद्योग को मदद देने के उद्देश्य से डीम क्रेडिट पर अनुदान देने के संबंध में केंद्र शासन ने अधिसूचना जारी की है। इसके तहत लघु एवं मध्यम उद्योगों को बगैर दस्तावेज के रॉ मटेरियल के आधार पर न्यूनतम 75 लाख रुपए से अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक डी क्रेडिट दिया जाता है। इस आदेश के खिलाफ कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स टिब्यूनल टैक्स अपीलाट ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) ने क्रेडिट प्राप्त करने वाली कंपनियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए रिकवरी आदेश जारी कर दिया। इसे शालीमार इस्पात उद्योग व अन्य ने अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा के माध्यम से याचिका दायर कर चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि केंद्र शासन की अधिसूचना के विरुद्ध कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स ट्रिब्युनल टैक्स अपीलाट ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस और रिकवरी आदेश नियम विरुद्ध है। केंद्र शासन की ओर से अधिवक्ता भीष्म किंगर ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस धीरेन्द्र मिश्रा और रंगनाथ चंद्राकर की डिवीजन बेंच ने कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स टिब्यूनल टैक्स अपीलाट ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) के आदेश पर रोक लगा दी है!