Jul 23, 2010

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का पद खाली क्यों

बिलासपुर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों राज्य शासन से सवाल किया है कि प्रदेश में मानवाधिकार अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गई? जस्टिस एसके अग्निहोत्री ने तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। रायपुर निवासी शेखू खान ने राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी कि पुलिस उसे बेवजह प्रताड़ित कर रही है। उसके मामले में सिर्फ इस वजह से सुनवाई नहीं हो पा रही थी कि आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले चार साल से खाली है। इस पर शेखू खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया था कि उसे आशंका है कि पुलिस किसी झूठे मामले में फंसाकर उसे गिरफ्तार कर सकती है। मानवाधिकार आयोग में मामले की सुनवाई न होने के कारण उसकी शिकायत पर कार्रवाई भी नहीं हो रही है।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि मानवाधिकार आयोग एक पूर्णकालिक न्यायिक पीठ है। उसमें महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति जरूरी है, क्योंकि संस्था का कोई भी व्यक्ति मामले की सुनवाई नहीं कर सकता। कोर्ट ने अध्यक्ष की नियुक्ति न करने को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन को नोटिस देकर पूछा है कि पिछले चार साल से यह पद खाली क्यों रखा गया है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि आयोग में सिर्फ एक सदस्य कार्यरत है। मानवधिकार आयोग में ऐसे मामलों की शिकायत होती है, जिनमें व्यक्ति के मूल अधिकार का हनन हो रहा है। ऐसे मामलों में आयोग का आदेश महत्वपूर्ण होता है। देश के सभी प्रदेशों में यह आयोग जनता के अधिकारों की रक्षा का काम कर रहा है। प्रदेश में अध्यक्ष ही न होने के कारण मामलों में फैसला नहीं हो पा रहा है।

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