Apr 11, 2010

सेवानिवृत्ति के बाद जेडी पेंशन ने जारी कर दिया था रिकवरी आदेश : हाईकोर्ट का शासन को नोटिस

सेवानिवृत्ति के बाद जारी रिकवरी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन तथा संयुक्त संचालक पेंशन कोष एवं लेखा को नोटिस जारी किया है।

मामला सारंगढ़ के एक सेवानिवृत्त प्रधानपाठक का है। रिटायर्ड एचएम बोधन सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ३० अप्रैल २००४ को सारंगढ़ मिडिल स्कूल से प्रधानपाठक के पद से रिटायर होने के बाद संयुक्त संचालक पेंशन कोष एवं लेखा ने उनके खिलाफ १ लाख ५१ हजार १६१ रूपए का रिकवरी आदेश जारी कर दिया। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए संयुक्त संचालक पेंशन एवं लेखा के आदेश को रद्द कर याचिककर्ता को बगैर कटौती के सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि का भुगतान करने का फरमान जारी किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर संयुक्त संचालक पेंशन एवं लेखा ने वसूली की कार्रवाई तो नहीं, पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन तय करते वक्त अंतिम वेतनमान को ९ हजार रूपए के बजाय ८ हजार ३०० कर दिया। इस तरह प्रतिमाह मिलने वाली राशि में ७०० रूपए कम कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाईकोर्ट में गुहार लगाई। इस पर हाईकोर्ट ने प्रकरण को राज्य शासन द्वारा गठित हाईपावर रिटायर ड्यूज कमेटी के हवाले करते हुए गुण-दोष के आधार पर प्रकरण के निराकरण करने के निर्देश दिए। हाईपावर कमेटी ने निराकरण करने के बजाय प्रकरण को उलझाते हुए यह व्यवस्था दी कि चूंकि दोनों मुद्दों को दो अलग-अलग याचिकाओं के जरिए हाईकोर्ट के समक्ष रखा जा चुका है और दोनों ही याचिकाओं पर निर्णय भी आ गया है।

लिहाजा अब इस प्रकरण की सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। हाईपावर कमेटी की इस व्यवस्था से परेशान रिटायर्ड एचएम ने अपने वकील के माध्यम से तीसरी बार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और शिकायत की कि हाईपावर कमेटी ने प्रकरण पर किसी तरह का विचार किए बिना ही अपना निर्णय दे दिया है। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन के अलावा हाईपावर कमेटी को नोटिस जारी किया है।

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