Nov 5, 2009

फैसला देने वाले अपर सत्र न्यायाधीश को ही पक्षकार बना दिया

बिलासपुर जिला कोर्ट के एक अपर सत्र न्यायाधीश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने खुद को एक मामले में पक्षकार बनाने का विरोध किया है। जस्टिस एनके अग्रवाल की सिंगल बेंच ने प्रतिवादी को याचिका से जज का नाम हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया है। बिलासपुर निवासी लक्ष्मीचंद शाह ने अपने किराएदार से मकान खाली कराने के लिए भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के समक्ष आवेदन किया था। भाड़ा नियंत्रण अधिकारी ने मकान मालिक के पक्ष में आदेश किया, जिसके खिलाफ किराएदार श्यामसुंदर शराफ ने अपर जिला सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील की। कोर्ट ने अपील स्वीकार कर उसके मकान खाली कराने पर रोक लगा दी। इसके खिलाफ मकान मालिक लक्ष्मी शाह ने जिला न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया।

इसके खिलाफ मकान मालिक लक्ष्मी शाह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें अपर जिला सत्र न्यायाधीश को भी व्यक्तिगत तौर पर पक्षकार बनाया गया था। इस पर एडीजे ने वकील अमियकांत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को पक्षकार बनाने पर आपत्ति करते हुए नाम हटाने का अनुरोध किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रतिवादी मकान मालिक को याचिका से एडीजे का नाम हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया है।

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