फर्जी तरीके से खाता अलग कर जमीन की बिक्री व रजिस्ट्री करने के मामले में दुर्ग, छत्तीसगढ़ के कोतवाली पुलिस ने भूमि स्वामी गौतमचंद जैन की रिपोर्ट पर स्टील ट्विन सिटी भिलाई-दुर्ग शहर के 5 रसूखदार लोगों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है। आरोपियों में महेश कालोनी निवासी सुरेंद्र राठी,भोईपारा निवासी मदन जैन, संतराबाड़ी निवासी कुलदीप सिंह, मठपारा निवासी गोपाल यादव व सुरेश पारख शामिल हैं।
मामले की शिकायत गौतमचंद जैन ने अपने वकील नीरज चौबे के साथ जाकर थाने में की। एफआईआर टीआई आदित्य शर्मा ने दर्ज की। पुलिस के मुताबिक स्टेशन रोड पोलसायपारा में खसरा नं. 1131 व 1137 में जुमला 0.27 डिसमिल जमीन गौतमचंद पारख, जयंतीलाल पारख, शिखरचंद पारख, कुसुमबाई पारख व फुल्लू बाई पारख के सम्मिलित नाम पर बतौर भूमि स्वामी दर्ज था।
इस सम्मिलित भूमि को सह भूमि स्वामियों का नाम पृथक करने के लिए आरोपियों द्वारा एक फरवरी 2002 को प्रार्थी गौतमचंद की जानकारी के बिना उनके फर्जी हस्ताक्षर से आवेदन पत्र तहसील कार्यालय में पेश किया गया। इस फर्जी हस्ताक्षर वाले आवेदन पर तहसीलदार दुर्ग द्वारा 6 मार्च 2000 को 5 पृथक-पृथक हिस्से में बंटवारा का आदेश पारित किया गया। पुलिस ने बताया कि गौतमचंद पारख बनकर कोई अन्य व्यक्ति एक मार्च 2000 को तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर शपथ पूर्वक कथन दे दिया।
इस शपथ पूर्वक कथन व न्यायालय के आदेश पर गौतमचंद पारख के नाम पर शपथ करने वाले ने फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिया। इस तरह तहसीलदार के न्यायालय की पूरी कार्रवाई फर्जी तौर पर की गई। क्योंकि प्रार्थी ने खाता पृथक करने के लिए कोई आवेदन पत्र ही नहीं दिया था। तहसीलदार के बंटवारा आदेश के अनुसार भूमि खसरा नं. 1131, रकबा 0.020 हेक्टेयर अकेले प्रार्थी गौतमचंद के नाम दर्ज होकर व खसरा नं. 1137 शेष 4 हिस्सेदारों के नाम से 4 टुकड़ों में विभाजित हो गया। पुलिस के मुताबिक फर्जी तरीके से बंटवारा आदेश करवाने में सफल होने के बाद आरोपियों ने जमीन की बिक्री कर उसका पंजीयन भी करवा लिया।
रजिस्ट्री 20 मार्च 06 को की गई। रजिस्ट्री के समय गौतमचंद पारख के स्थान पर अन्य व्यक्ति सुरेश पारख का फोटो लगाया गया है। शिकायतकर्ता की रिपोर्ट के अनुसार जमीन के क्रेतागण सुरेंद्र राठी, मदन जैन विक्रय पत्र के साक्षी कुलदीप सिंह व गोपाल यादव के साथ षड़यंत्र में सुरेश पारख भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी प्रार्थी गौतमचंद पारख से परिचित है। उन्हें जानते, पहचानते हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने षड़यंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर शामिलात खाते की भूमि को हड़प लिया है। प्रार्थी गौतमचंद ने एफआईआर दर्ज करवाने के साथ फर्जी रजिस्ट्री बयनामा की प्रति, तहसीलदार के समक्ष पेश आवेदन पत्र, बयान व आदेश की छायाप्रति भी पुलिस को सौंप दिया है।
इस पोस्ट लिखे जाने तक दुर्ग जिला न्यायालय नें आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दिया है.