छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य परीक्षा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस आशय के आदेश पिछले दिनों जारी किए गए। 8 जनवरी 2006 को संपन्न परीक्षा व सितम्बर 2008 में साक्षात्कार सहित पूरी प्राचार्य परीक्षा प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने 20 अगस्त 2009 को निरस्त कर दिया है। न्यालय ने याचिका क्र. 1528, याचिका क्र. 1519, 2724, 5415, 5318, 4778, 5198 की सुनवाई 30 जुलाई को पूरी हो गई थी तथा सुनवाई के पश्चात निर्णय सुरक्षित रखा गया था। धीरेन्द्र मिश्र व चंद्राकर की डबल बेंच ने लोकसेवा आयोग की हायर सेकण्ड्री स्कूलों की प्राचार्य परीक्षा निरस्त करने का फैसल किया है। विदित हो कि लोकसेवा आयोग द्वारा 2005 में प्राचार्य के 46 पदों हेतु विज्ञापन जारी किया गया था जिसके लिए 7706 शिक्षाकर्मियोंशिक्षकव्याख्याताओं ने आवेदन किया था, इन आवेदनों के परीक्षण के बाद 8 जनवरी 2006 को परीक्षा आयोजित किया गया एवं मार्च 2006 को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी किया गया। परिणाम जारी करने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मियों के चयन होने के बाद व्याख्याताशिक्षकों ने हाईकोर्ट में यचिका दायर कर शिक्षा कर्मियों को प्रक्रिया से अलग करने की मांग करते हुए याचिकाएं लगाई थी जिसका निवारण करते हुए न्यायालय ने पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर दी है।
90 शिक्षा कर्मियों ने दिया था साक्षात्कार
26 सितम्बर से 29 सितम्बर 2008 तक हुए साक्षात्कार में 90 शिक्षाकर्मियों ने साक्षात्कार दिया था। उक्त जानकारी आयोग के वकील मनीन्द्र श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में दी थी। छग लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष बीएल ठाकुर सहित आयोग के सदस्यों द्वारा लिया गया पहला साक्षात्कार था। सितम्बर 2008 के कुछ दिन पूर्व ही इन सदस्यों, अध्यक्ष की नियुक्तियां की गई थी अत: आयोग की गरिमा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।