ई-कोर्ट योजना के क्रियान्वयन की दिशा में मध्य प्रदेश में हो रहे प्रयासों की दिशा में पिछले दिनों समाचार पत्रों में कुछ उत्साहजनक समाचार व बयान नजर आया । हमारे सीनियर कौंसिल 'ब्लाग - अदालत' में भी इस संबंध में दो समाचार क्रमश: देश की पहली ई-अदालत सच क्या है व ई-कोर्ट और न्याय प्रणाली की साख पढने को मिला । विगत दिनों उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ के प्रशासनिक जज सुभाष संवत्सर ने कहा कि न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए न्यायालय परिसर में पर्याप्त अधोसंरचना होना आवश्यक है। इस दिशा में उच्च न्यायालय की पहल पर प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में न्यायाधीशों के लिए कक्ष निर्माण सहित अन्य आवश्यक अधोसंरचना विकसित की जा रही है।
जिला न्यायालय परिसर में गुरूवार को आठ नवीन न्यायालयीन कक्ष व बार रूम के भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित करते हुए न्यायमूर्ति संवत्सर ने कहा जिला न्यायालय में ४१ न्यायाधीश पदस्थ हैं तथा पांच अतिरिक्त जजों की पदस्थापना भी हाल में की गई है। आठ अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के बाद स्थान की कमी दूर हो जाएगी।
साथ ही अभिभाषक कक्ष की मांग भी पूरी हो जाएगी। इस अवसर पर न्यायमूíत कृष्ण कुमार लाहोटी ने कहा कि न्यायिक प्रकरणों के त्वरित निराकरण के मकसद से देश में ई-कोर्ट प्रणाली लागू होने जा रही है। इस प्रणाली के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसे प्रायोगिक तौर पर देश के ६ शहरों की न्यायालयों में स्थापित किया जायेगा जिसमें ग्वालियर भी शामिल है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए के. मिश्रा ने जिला न्यायालय के कम्प्यूटरीकरण की पहल करने के लिए न्यायमूर्ति लाहौटी के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। स्वागत उद्बोधन उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष डी के. कटारे व आभार प्रदर्शन सचिव रामविलास शर्मा ने किया। संचालन आलोक शर्मा ने किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति एस के. गंगेले, न्यायमूíत एस सी. शर्मा व एस एस. द्विवेदी, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्यामबिहारी मिश्रा समेत कई प्रशासनिक एवं न्यायिक अधिकारी उपस्थित थे।