राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. शान्ति सिन्हा ने कहा कि सम्पूर्ण देश में बच्चों को बाल श्रम से बचाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोडा जाय यह सभी राज्य सरकार, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं हम सबकी अहम जिम्मेदारी है।
डॉ. सिन्हा सोमवार को ओ.टी.एस. के सभाकक्ष में श्रम विभाग राजस्थान सरकार, यूनिसेफ, एन.सी.पी.सी.आर. एवं एन.सी.एल.पी. के संयुक्त तत्वावधान में बाल श्रम उन्मूलन एवं शिक्षा के अधिकार पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पद से बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिये शून्य सहन शक्ति बनाते हुए एक जन आन्दोलन के रूप में लें कि बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रह सके तथा देश में 18 मिलियन्स बच्चे स्कूलों से बाहर हैं उन्हें शिक्षा से जोडा जाये जिससे उन्हें सामाजिक बराबरी, न्याय एवं यथोचित स्थान मिल सके। डॉ. सिन्हा ने कहा कि देश में बाल श्रम के लिये गरीबी की लडाई एवं जंग में हम सभी की भागीदारी आवश्यक है।
इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री रामकिशोर मीणा ने कहा कि राजस्थान राज्य में कोई भी बच्चा बाल श्रम के अभिशाप से ग्रस्त न हो वरन् शिक्षा से जुडकर आफ और हमारे बच्चों की तरह देश का एक अच्छा नागरिक बने। उन्होंने कहा कि समाज का केवल एक अंग चाहे वो सरकार हो, चाहे वो समाज हो या कोई एक स्वयंसेवी संस्था हो बाल श्रम उन्मूलन का कार्य अकेला नहीं कर सकता है। इसके लिये आवश्यक है कि सरकारी एवं गैर सरकारी दोनों तंत्रों के पूर्ण समन्वय के साथ कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि बाल श्रम अधिनियम की धारा 16 में यह प्रावधान है कि न केवल श्रम निरीक्षक या पुलिस निरीक्षक, कोई भी सजग नागरिक या संस्था 14 वर्ष से कम उम्र के बाल श्रम को नियोजित करने वाले नियोजक के विरुद्घ सशक्त न्यायालय में कार्यवाही कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जन सहभागिता से बाल श्रम नियोजित करने वाले नियोजकों के विरुद्घ कार्यवाही कर बाल श्रम के विरुद्घ एक माहौल तैयार किया जा सकता है।
श्री मीणा ने कहा कि राजस्थान के सुदूर दक्षिणी जिलों -डूंगरपुर, बांसवाडा में वहां के बच्चों को गुजरात के बी.टी. कॉटन क्षेत्रों में जाकर बाल मजदूरी कराये जाने से रोकने में सफलता प्राप्त की है इन जिलों में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में टास्क कोर्स समितियां गठित की गई हैं। टास्क फोर्स द्वारा सभी विभागों एवं स्वयंसेवी संगठनों में आपसी समन्वय स्थापित कर न केवल बच्चों को बाल श्रम की बेडियों से मुक्त कराया है वरन् उनका पुनर्वासन भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव डॉ. ललित के. पंवार ने राजस्थान राज्य में बाल श्रम की स्थिति एवं उनके समाधान के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी तथा शिक्षा से वंचित बाल श्रमिक बच्चों के लिये शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मध्य समन्वय कर सर्वशिक्षा अभियान का पूर्ण लाभ इन बच्च को दिलाये जाने के लिये एक कार्य नीति पर बल दिया। श्रम आयुक्त श्री सूरजमल मीणा ने कहा कि इस सेमिनार से बाल श्रम बच्चों को अपने अधिकारों की जानकारी मिल सकेगी तथा बाल श्रमिकों को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोडा जायेगा।
साभार - प्रेस नोट डाट इन
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
3 months ago