कैबिनेट मंत्री शिवराज पाटिल ने मंगलवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि संविधान का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में महाराष्ट्र सरकार को तीन नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और सदन से बहिर्गमन कर गए।
सदन में शून्यकाल के दौरान मुंबई में उत्तर भारतीयों पर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे हमलों पर नाराजगी जाहिर की गई। इस मामले पर विपक्षी सदस्यों के साथ कांग्रेसी सदस्यों ने भी चिंता जताई।
सदस्यों की चिंता का निराकरण करने का प्रयास करते हुए पाटिल ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को इस मामले पर तीन नोटिस भी जारी कर चुकी है।
विपक्षी सदस्यों द्वारा धारा 355 के तहत कार्रवाई करने की मांग के जवाब में पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार जब भी किसी राज्य सरकार को नोटिस जारी करती है तो नोटिस में यह नहीं लिखा जाता कि किस धारा के तहत नोटिस दिया जा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि उनके अलावा रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी राज्य के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से बात की थी और राज्य के गृहमंत्री से भी चर्चा कर घटना पर नाराजगी जताई थी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उन्हें सूचित किया है कि दो लाख 29 हजार आवेदकों को नोटिस देकर परीक्षा के लिए बुलाया गया था तथा 307 स्थानों पर परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि कोई भी छात्र बिना परीक्षा दिए नहीं लौटा।
पाटिल ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार कुल 1861 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 336 के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा एहतियाती तौर पर 3837 लोगों को हिरासत में लिया गया।
गृहमंत्री ने कहा कि देश के हर नागरिक को यह संविधान प्रदत्त अधिकार है कि वह देश के किसी भी प्रांत में काम कर सकता है। ऐसा करने पर अगर कोई किसी को मारता है तो वह निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि ऐसे गलत विचार कुछ लोगों के हो सकते हैं सभी महाराष्ट्रवासियों के नहीं। पाटिल के इन आश्वासनों से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य गृहमंत्री का आधा जवाब सुनकर ही वाकआउट कर गए।
पाटिल ने कहा कि संकीर्णतापूर्ण विचारों तथा मुद्दों पर राजनीति करने से न तो कोई लाभ होगा और न ही कोई हल निकलेगा। उन्होंने कई बार दोहराया कि संविधान का उल्लंघन करने वालों के साथ नरमी नहीं बरती जाएगी लेकिन विपक्षी सदस्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाही की मांग करते रहे।
समाचार साभार : याहू जागरण