दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिकता पर प्रतिबंध के मामले में केंद्र सरकार की बुधवार को खिंचाई की। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह इस प्रतिबंध को न्यायोचित ठहराने के लिए धार्मिक तथ्यों के बजाय वैज्ञानिक रिपोर्टे को पेश करे।
समलैंगिकता समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एपी शाह नीत बेंच ने एडीशनल सॉलिसिटर जनरल से कहा, ‘आप उन रिपोर्टे को पेश करें, जिसमें कहा गया है कि समलैंगिकता को अपराध मानने का सुझाव दिया गया हो।’ याचिका में वयस्कों द्वारा आपसी सहमति से समलैंगिकता की तरफ कदम बढ़ाने को अपराध मानने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
3 months ago