उच्चतम न्यायालय नें सात करोड रूपये के उस गाजियाबाद जीपीएफ घेटाले की आज केन्द्रीय जांच व्यूरो से जांच कराने का आदेश दिया जिसमें उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश और इलाहाबाद और उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के ग्यारह न्यायाधीशों के नाम इस घोटाले के लाभार्थियों में शामिल हैं ।
न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत, न्यायमूर्ति वी.एस. सिरपुरकर और न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी की पीठ नें इस घोटाले की जांच की निगरानी करने के याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए सीबीआई को इस इस मामले में तीन महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया । हालांकि उच्चतम न्यायालय नें कहा कि सीबीआई तीन महीने के भीतर सक्षम न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट / आरोप पत्र पेश करने के लिए स्वतंत्र है और वह अदालत उस रिपोर्ट पर कानून के अनुसार आगे बढ सकता है ।
इस घोटाले के मुख्य आरोपी गाजियाबाद जिला अदालत ट्रेजरी के पूर्व खजांची आशुतोष अस्थाना नें घोटाले के लाभर्थियों में 36 न्यायाधीशों के नाम बताये हैं जिनमें उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के ग्यारह न्यायाधीश और गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय के 24 न्यायाधीशों के नाम शामिल हैं । सीबीआई द्वारा वर्तमान न्यायाधीश से पूछताछ करने के बारे में उच्चतम न्यायालय नें कहा कि अब तक किसी भी न्यायाधीश को इस घोटाले में आरोपी नहीं बनाया गया है और न्यायाधीशों को आरोपी बनाये जाने के बाद मानदण्ड में परिर्वतन किये जायेंगें ।
साभार 'छत्तीसगढ' www.dailychhattisgarh.com
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
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