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Mar 27, 2010

नक्सलियों की पैरवी करने वाले वकील को सुरक्षा मुहैया कराने सम्बन्धी मामले मे रायपुर एसपी को 25 मार्च को उपस्थित होने का आदेश

नक्सलियों की पैरवी करने वाले वकील को टीआई द्वारा धमकाने के मामले में गुरुवार को रायपुर एसपी बिलासपुर हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने उन्हें मामले की जांच कर शपथपत्र के साथ जवाब देने को कहा है।

इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान गुरुवार को रायपुर एसपी अमित कुमार हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट ने याचिका पर उनसे जवाब मांगा। साथ ही उन्हें मामले की जांच कर शपथपत्र के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। वहीं 8 व 9 अप्रैल को प्रकरण की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं। रायपुर स्थित सुंदरनगर में 2007 में पुलिस ने एक सेंट्रो कार में गोला बारुद, वाकी-टाकी सहित रिवाल्वर जब्त किया था। इस घटना के तार नक्सलियों से जुड़े होने की आशंका जताई गई थी। पुलिस की विवेचना के दौरान इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। इसमें मालती व प्रिया शामिल हैं, जिनके नक्सलियों से मिलीभगत होने के प्रमाण पुलिस को मिले। इन आरोपियों के पक्ष में हाईकोर्ट के वकील सतीशचंद वर्मा सहित अन्य वकील पैरवी कर रहे हैं।

यह मामला रायपुर की अदालत में चल रहा है। जिसके कारण उन्हें पेशी के दौरान आए दिन रायपुर जाना पड़ता है। 2 सितंबर 2009 को इस मामले की सुनवाई होनी थी। इस दौरान गवाहों का बयान दर्ज होना था। इस दौरान टीआई अशफाक अहमद अंसारी गवाहों को लेकर पहुंचे और उन्हें डराने-धमकाने लगे। इसके साथ ही टीआई ने वकील श्री वर्मा को नक्सलियों की पैरवी नहीं करने की समझाइश देते हुए कहा कि नक्सली समर्थकों के साथ कड़ाई पूर्वक बर्ताव करने का निर्देश उच्चाधिकारियों से मिलने का हवाला दिया। टीआई ने वकीलों को भी किसी मामले में फंसा देने व एनकाउंटर करने की चेतावनी दी। मामले की पेशी होने के पहले ही वकीलों ने कोर्ट में एक आवेदन लगा कर यथास्थिति से अवगत कराया। साथ ही गवाहों के परीक्षण के दौरान भी यह बात सामने आई कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। कोर्ट से बाहर निकलते ही टीआई अंसारी उन्हें फिर से धमकी देने लगे।

श्री वर्मा ने इस मामले की शिकायत डीजीपी, एसपी सहित स्टेट बार एसोसिएशन व हाईकोर्ट से शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रकरण को दूसरे जिला अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की। इस पर जस्टिस टीपी शर्मा ने कहा कि मामला वकीलों की सुरक्षा से जुड़ा है, लिहाजा प्रकरण ट्रांसफर करना उचित नहीं है। जस्टिस श्री शर्मा ने रायपुर एसपी को निर्देशित कर वकीलों को सुरक्षा मुहैया कराने कहा। कोर्ट के आदेश के बाद भी श्री वर्मा को सुरक्षा प्रदान नहीं की गई और फिर से धमकी मिलने लगी। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में दोबारा याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रायपुर एसपी को 25 मार्च को उपस्थित होने का आदेश दिया।

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