एड्होकेट्स एक्ट 1961 के रूल्स 36 स्पष्ट कहता है कि कोई भी वकील अपने आप को विज्ञापित नहीं करेगा ऐसा करना प्रोफेशनल मिसकन्डक्ट माना जावेगा । विगत 18 नवम्बर को बार कांउन्सिल आफ इंडिया की ज्वाईंट कंसल्टेटिव कांन्फ्रेस में वकीलों को वेबसाईट पर विज्ञापन देने संबंधी छूट का रिजालूशन पास कर दिया है । इस संबंध में पत्र के हवाले से बार कांउन्सिल आफ इंडिया के सेक्रेटरी एस.राधाकृष्णन नें कहा है कि 'यह फैसला इस संबंध में वकीलों की ओर से काफी समय से की जा रही मांग को देखते हुए लिया गया है । लेकिन वकीलों को इसका इस्तेमाल एक सीमा में रहकर ही करना होगा और बार कांउन्सिल आफ इंडिया एवं स्टेट बार कांउन्सिल इस पर नजर भी रखेगी ।'
(दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार का रूपांतरण)
मतलब ये कि अब मेरा भी विज्ञापन प्लान करना होगा, कुछ ईस तरह -
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संजीव तिवारी
एम.काम., एल एल.बी, डी.बी.एम.
अधिवक्ता
सदस्य - छ.ग.उच्चन्यायालय
जिला अधिवक्ता संघ, दुर्ग