ई कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत देश की न्यायिक प्रणाली को हाई टेक बनाने पर तेजी से अमल शुरू कर दिया गया है । प्रारंभिक चरण में देश के सभी न्यायालयों के न्यायाधीश महोदय को कम्प्यूटर के माध्यम से काम काज करने का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
यह प्रशिक्षण प्रतिदिन शाम 5 बजे कोर्ट अवधि के बाद शुरू होती है और शाम 7.00 तक चलती है । 24 सितम्बर से शुरू हुई यह ट्रेनिंग लगभग 24 दिसंम्बर तक चलेगी । इस दौरान न्यायाधीशगणो को लिनुक्स पर आधारित साफ्टवेयर, ओपन आफिस के माघ्यम से कोर्ट के पत्र, दस्तावेजों का डाटा एंट्री के साथ ही इंटरनेट एवं अन्य कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है । न्यायाधीशो के प्रशिक्षण के बाद दूसरा चरण न्यायिक कर्मचारियों को 15 दिन का प्रशिक्षण कम्प्यूटर के संचालन के संबंध में दिया जायेगा ।
देश के न्यायिक प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत करने के उद्देश्य से ई कोर्ट कार्यक्रम शुरू किया गया है । इस कार्यक्रम का शुभारंभ 09 जुलाई 2007 को भारत के राष्ट्रपति नें विज्ञान भवन नई दिल्ली में किया था । इसके तहत देश के 13114 न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत करने के साथ ही उन्हें आपस में जोडने की योजना है ताकि फैसलों एवं वादों की जानकारी का आदान प्रदान हो सके ।
यह प्रशिक्षण पूरे देश में एक साथ सभी न्यायाधीशों को दी जा रही है इसके लिये न्यू होराईजन को प्रशिक्षण के लिए अधिकृत किया गया है । न्यू होराईजन का कहना है कि इसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को आयान, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बनाना है । इससे प्रकरणों का तेजी से निराकरण होगा और लोग इंब्रनेट के द्वारा अपने प्रकरणों पेशी तारीखों आदि की जानकारी प्राप्त कर सकेगा ।
ई कोर्ट कार्यक्रम के तहत जिला न्यायालय के सभी न्यायाधीशों को पर्सनल लैपटाप भी उपलब्ध कराया गया है जिसमें ही वे प्रशिक्षण ले रहे हैं एवं घर में उस पर प्रेक्टिस कर रहे हैं ।
(समाचार)
UK: The Supreme Court on the 'creditor duty' - its existence, content and
engagement
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